प्रेग्नेंसी में कौन से योग करने चाहिये (1)

प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण और खुशी का समय होता है। इस समय उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद  महत्वपूर्ण होता है। योग प्रेग्नेंसी के दौरान मां और शिशु के स्वास्थ्य को सुधारने का एक शानदार तरीका हो सकता है। यहां हम आपको प्रेग्नेंसी में कौन से योग करने चाहिये, उनके फायदे, और सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

       प्रेग्नेंसी और योग

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प्रेग्नेंसी के दौरान योग करना बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। योग एक ऐसा व्यायाम है जो मां को शांति, सुख, और आत्म-साक्षरता की भावना दिला सकता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा  बेहद आवश्यक है, लेकिन आप कुछ आसान योगासनों को सीख सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

       प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने के फायदे

  1. शारीरिक स्वास्थ्य का सुधार: प्रेग्नेंसी के दौरान, मां के शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए योग बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। योग आपके मांसपेशियों को मजबूती देता है और पीठ के दर्द को कम कर सकता है।
  2. सांत्वना और ध्यान: योग ध्यान और सांत्वना में मदद कर सकता है, जिससे मां का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। योग के अभ्यास से स्त्री को तनाव, चिंता, और बेचैनी से राहत मिल सकती है।
  3. स्थिरता और समय: योग करने से मां की स्थिति और समय की अधिक जानकारी होती है, जिससे प्रसव के समय सुविधा हो सकती है।
  4. शिशु के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने से शिशु के स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंच सकता है। योग के अभ्यास से शिशु की पोषण और शिशु के विकास को सुधारने में मदद मिल सकती है।
  5. मां की तैयारी: योग मां को प्रसव के लिए तैयार कर सकता है। योग के अभ्यास से मां के पेट की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है, जिससे प्रसव के समय उन्हें आराम मिल सकता है।

           प्रेग्नेंसी में कौन से योग करने चाहिए

प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने के लिए कुछ योगासन अत्यंत फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि योग के अभ्यास को सही तरीके से करना होगा और सावधानी बरतनी होगी। निम्नलिखित कुछ योगासन हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान कर सकते हैं:

  1. ताड़ासन (Tadasana): इस आसन में आपको खड़े होकर हाथों को ऊपर उठाना होता है। यह आसन मां के पीठ को मजबूती देता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
  2. वीरभद्रासन (Virabhadrasana): यह आसन पूरे शरीर को मजबूत करने में मदद करता है और पीठ के दर्द को कम करता है।
  3. भद्रासन (Bhadrasana): इस आसन में आपको बैठकर पैरों को मिलाना होता है। यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है और प्रसव के समय आरामदायक होता है।
  4. उत्कटासन (Utkatasana): इस आसन में आपको बैठकर जाना होता है और हाथों को ऊपर उठाना होता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
  5. वज्रासन (Vajrasana): यह आसन बैठकर किया जाता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
  6. उपविष्टकोणासन (Upavistha Konasana): इस आसन में आपको बैठकर पैरों को फैलाना होता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और प्रसव के समय मदद करता है।
  7. चक्रासन (Chakrasana): इस आसन में आपको पेट के बल लेटना होता है और फिर पीठ को ऊपर उठाना होता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पैदा करने की प्रक्रिया को सुविधा पहुंचाता है।

            प्रेग्नेंसी के दौरान योग करते समय सावधानियां

प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने के लिए कुछ सावधानियां होती हैं, जो आपकी और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:

  1. डॉक्टर की सलाह: प्रेग्नेंसी के दौरान योग करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और योग करने की सलाह देंगे।
  2. सावधानीपूर्वक आसन: प्रेग्नेंसी के दौरान, आपको विशेष रूप से पेट के बल से काम करने वाले योग आसनों से बचना चाहिए। इससे पेट में दबाव कम होगा और आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा।
  3. स्थिरता: योग के दौरान स्थिर रहना महत्वपूर्ण है। अचानक किसी आसन से उठने या बैठने से बचें, ताकि चोट का खतरा कम हो।
  4. बार-बार पानी पीना: योग करते समय, अपने शरीर को पर्याप्त पानी दें। योग के दौरान तापमान बढ़ सकता है, और प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  5. सुनकर करें: आपके शरीर की सुनें और व्यायाम के दौरान अनियमितताओं या अस्वस्थ अनुभवों की सतर्कता करें। अगर आपको किसी अच्छे नहीं लगता है या कुछ अनुभव कर रहे हैं जो आपके लिए सामान्य नहीं हैं, तो तुरंत योग बंद करें और अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

           निष्कर्ष

अंत में, गर्भावस्था के दौरान योग का अभ्यास शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते इसे सावधानी के साथ और एक योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में किया जाए। कुछ योग आसन, जैसे ताड़ासन, वीरभद्रासन, उत्कटासन, विपरीत करणी, बद्ध कोणासन और सुखासन, आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं और शरीर को मजबूत बनाने और विश्राम को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, गर्भावस्था के दौरान किसी भी योग दिनचर्या को शुरू करने से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह आपकी विशिष्ट स्वास्थ्य                     आवश्यकताओं के अनुरूप है। अपनी प्रसव पूर्व देखभाल में योग को सुरक्षित रूप से शामिल करने से एक स्वस्थ, अधिक आरामदायक गर्भावस्था मे योगदान मिल सकता है।

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