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सूर्य नमस्कार कैसे करे? इस लेख में हम आपको सूर्यनमस्कार के बारे मै पुरी जाणकारी देने जा रहे है आइये जाने सूर्यनमस्कार क्रमशः 12 आसन और उसके फायदे आगे- सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगासन है जिसे सूर्य की पूजा और ध्यान के रूप में किया जाता है। यह अपने शरीर, मन और आत्मा के लिए अनुकूल होता है।

सूर्य नमस्कार, जिसे सन सल्यूटेशन भी कहा जाता है, एक प्रमुख योगाभ्यास है जो प्राचीन भारत में उत्पन्न हुआ है। यह एक पूजा-आदान की तरह है, जो सूर्य के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करता है। सूर्य को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

अर्थ: “सूर्य” सूर्य को दर्शाता है, और “नमस्कार” को अभिवादन या ग्रीटिंग के रूप में समझा जाता है। सूर्यनमस्कार सूर्य के प्रति कृतज्ञता का अभिव्यक्ति करने का एक तरीका है, जो कई संस्कृतियों में ऊर्जा और जीवनशक्ति का प्रतीक माना जाता है।नीचे सूर्य नमस्कार के क्रमशः 12 आसन दिए गए हैं:

सूर्य नमस्कार के 12 आसन

  1. प्रणामासन (Prayer Pose)
  2. हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose)
  3. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose)
  4. अश्व संचालनासन (Equestrian Pose)
  5. दंडासन (Stick Pose)
  6. अष्टांग नमस्कार (Eight-Limbed Pose)
  7. भुजंगासन (Cobra Pose)
  8. अधो मुख स्वानासन (Downward-Facing Dog Pose)
  9. अश्व संचालनासन (Equestrian Pose)
  10. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose)
  11. हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose)
  12. प्रणामासन (Prayer Pose)

सूर्य नमस्कार करने का सही तरिका

1. प्रणामासन (Prayer Pose): मैट के किनारे पे खड़े हो जाएँ, पैरों को एक साथ रखें और समान रूप से दोनो पैरोंपर वजन डाले।श्वास लेते हुये दोनो हात बंगाल के उपर उठाइये और श्वास छोडते हुये हाथों को छाती के सामने एकत्रित करें। यह प्रारंभिक स्थिति है।

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2. हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose): साँस लेते हुये और अपने हाथों को ऊपर उठाएं और थोड़ा पीठ पीछे करें, अपनी बाजुओं को कानों के पास रखें। इस आसन मै एडियों से लेकर अपने हाथों की उँगलीयों तक के शरीर को उपर खिचणे का प्रयास करे।  इसे ताडासन योग मुद्रा भी कहा जाता है।

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3. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose): साँस छोड़ते हुये, रिढ की हाड्डी को सिधा रखे और हिप्स से आगे झुकें। अपने हाथों को पैरों के पास रखें या अपनी टखनों या शिनों से पकड़ें।

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4. अश्व संचालनासन (Equestrian Pose): साँस लें और अपने दाएं पैर को जितना संभव हो उतणा पीछे ले जाइये। अपने बाएं घुटने को मोड़ें, अपने हाथ मेट पर रखें और ऊपर देखें।

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5. दंडासन (Stick Pose): जब आप साँस छोड़ते हैं, अपने बाएं पैर को अपने दाएं पैर के साथ जोड़ें। अपने शरीर को एक सीधी रेखा में रखें, एक उच्च प्लैंक या पुश-अप स्थिति बनाएँ।

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6. अष्टांग नमस्कार (Eight-Limbed Pose): अपने घुटने, छाती और ठोड़ी को मॅट पर नीचे ले जाएं  और श्वास छोडें, जबकि आपकी हिप्स ऊँची रहें। आपके हाथ, छाती और घुटनों को मॅट छूने चाहिए, जबकि आपकी कोहनी आपके शरीर के नजदीक होनी चाहिए।

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7. भुजंगासन (Cobra Pose): साँस लें और आहिस्ता से आगे चलें। अपनी छाती कोट से उठाएँ, अपने हाथ सीधे रखें और ऊपर देखें, जबकि आपके नीचे का शरीर और पैर जमीन पर हों।

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8. अधो मुख स्वानासन (Downward-Facing Dog Pose): साँस छोड़ें और अपने हिप्स को ऊँचा करें, एक उल्टे “व” आकार बनाएँ। अपने हाथ और पैर सीधे रखें, अपने पैरों को मॅट की ओर दबाएँ। नाभि की ओर देखें।

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9. अश्व संचालनासन (Equestrian Pose): साँस लें और अपने दाएं पैर को आगे की ओर एक छाल की स्थिति में रखें, पहले आसन के समान।

Equestrian Pose
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10. हस्त पादासन (Hand to Foot Pose): साँस छोड़ें और अपने बाएं पैर को अपने दाएं पैर के पास लाएं। हिप्स से झुकें, अपनी कमर सीधी रखें। अगर ज़रूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं।

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11. हस्तोत्तानासन (Raised Arms Pose): साँस लें और अपने हाथों को ऊपर उठाएँ, और रिढ की हाड्डी को थोड़ा-थोडा पीछे करें। कुल्हे को आगे की तराफ ढकेले पहले आसन के समान।

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12. प्रणामासन (Prayer Pose): साँस छोड़ें और प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएँ, छाती के सामने अपने हाथों को एकत्रित करें,और विश्राम करे। पहले आसन के समान।

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इससे एक दौरा सूर्यनमस्कार पूरा होता है। सामान्यतः, अभ्यासकर्ता अलग-अलग दौरों को कई बार दोहराते हैं, आसन 4 और 9 में आगे की ओर के पैर को प्रयोग करके दोनों पक्षों के शरीर को समान रूप से काम करने के लिए।

सूर्य नमस्कार करने के फायदे

सूर्यनमस्कार के कई लाभ हैं, जो सूर्य नमस्कार कैसे करे? इस लेख मै निम्नलिखित हैं:

  1. शारीरिक लाभ: सूर्यनमस्कार एक पूर्ण शारीरिक व्यायाम है, जो आपके सभी शरीर के अंगों को सक्रिय करता है। यह मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाने, शरीर की संतुलन क्षमता को बढ़ाने, ताकत और सहनशक्ति को विकसित करने में मदद करता है।
  2. मानसिक लाभ: सूर्यनमस्कार ध्यान और मन को शांति और स्थिरता में लाने में मदद करता है। यह मानसिक चिंताओं को कम करने, मन को स्थिर करने और मनोवृत्ति को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  3. वजन नियंत्रण: सूर्यनमस्कार शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह कैलोरी जलाने में मदद करता है और शरीर की तापमान बढ़ाता है।
  4. श्वास-तंत्र लाभ: सूर्यनमस्कार श्वास-तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह श्वास प्रणाली को स्वच्छ करने, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने, श्वासनली को मजबूत करने और श्वासन की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

निष्कर्ष

सूर्य नमस्कार एक प्रमुख योगाभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। इसका नियमित अभ्यास शरीर को सुगठित और स्वस्थ रखने में मदद करता है, मन को शांत करता है और आत्मा को प्रकाशित करता है। सूर्यनमस्कार शरीर की लचीलापन बढ़ाता है, श्वास-तंत्र को स्वस्थ रखता है, वजन को नियंत्रित करता है और मानसिक चिंताओं को कम करता है। यह एक संपूर्ण व्यायाम पैकेज है जो आपको स्वस्थ, स्थिर और समृद्ध बनाने में मदद करता है।

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